Printer

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प्रिंटर एक मशीन है जो कम्प्युटर स्क्रीन पर प्रदर्शित आउटपुट को कागज पर उतारता है। यह Hardcopy या Permanent कॉपी प्रदान करने वाला आउटपुट डिवाइस है। इसका प्रयोग Text, Graphics और Image को paper पर प्रिंट करने के लिए किया जाता है।

Printer की गुणवत्ता उसके Resolution से जानी जाती है। यह एक वर्ग इंच मे स्थित dots की संख्या बताता है जिसे DPI कहते है। प्रिंटर को CPU के USB या Parallel Port से जोड़ा जाता है।

प्रिंट करने की क्षमता के अनुसार 

Character Printer :- यह एक बार मे केवल एक अक्षर प्रिंट करता है। 

Line Printer :- यह प्रिंटर एक बार मे एक पूरी लाइन प्रिंट करता है। अतः इसकी प्रिंट करने की गति बहुत तेज (200 से 2000 लाइन प्रति मिनट) होती है।

Page Printer :- यह प्रिंटर एक बार मे एक पूरा पेज प्रिंट करता है।


प्रिंट करने के तरीके के अनुसार 

Impact Printer :- इस प्रकार के प्रिंटर प्रिंटिंग के समय तेज आवाज करते है। ये प्रिंटर Graphics Printing के लिए उपयुक्त नहीं है। सिर्फ कागज पर ही प्रिंट करने मे सक्षम है। इन printers से सिर्फ एक ही रंग मे प्रिंटिंग की जा सकती है। 

Dot Matrix Printer :- यह एक impact printer है अतः यह प्रिंटिंग करते समय बहुत शोर करता है। इस प्रिंटर के Print Head मे अनेक पिनों का एक matrix होता है। और प्रत्येक पिन के रिबन और पेपर पर स्पर्श से एक डॉट छपता है, अनेक डॉट मिलकर एक कैरेक्टर बनाते है। Print Head मे 7, 9, 14, 18 या 24 पिनों का Horizontal Group होता है। एक बार मे एक कॉलम की पिनें Print Head से बाहर निकलकर dots छापती है। जिससे एक कैरेक्टर अनेक चरणों मे बनता है और लाइन की दिशा मे Print Head आगे बढ़ता जाता है। Dot Matrix Printer की गति 30-600 कैरेक्टर प्रति सेकंड होती है।

Dot Matrix Printer

Daisy Wheel Printer :- यह ठोस मुद्रा अक्षर वाला Impact Printer है। इसका नाम Daisy Wheel Printer इसलिए दिया गया क्योंकि इसके Print Head की आकृति एक पुष्प "गुलबहार " से मिलती है। यह धीमी गति का प्रिंटर है लेकिन इसके आउटपुट की स्पष्टता उच्च होती है इसलिए इसका उपयोग Letter आदि छापने मे होता है , इसके print head मे wheel होता है जिसकी प्रत्येक spoke मे एक कैरेक्टर उभरा होता है wheel कागज की क्षैतिज दिशा मे गति करता है और छपने योग्य कैरेक्टर का spoke व्हील के घूमने से print position पर आता है, एक छोटा Hammer स्पोक, रिबन और कागज पर टकराता है जिससे अक्षर कागज पर प्रिंट हो जाता है।

Daisy Wheel Printer (Print Head)
Non-Impact Printer :- इस प्रकार के प्रिंटर प्रिंटिंग करते समय बहुत कम आवाज करते है, इन Printers का प्रयोग अच्छी Graphics Printing मे किया जाता है, ये प्रिंटर कागज के अलावा प्लास्टिक और अन्य सतहों पर भी प्रिंट कर सकते है। ये प्रिंटर एक समय मे एक ही प्रिंट करते है, तथा Multicolor Printing भी कर सकते है।

Thermal Printer :- यह एक ऐसी तकनीक है जिसमे कागज IJ wax आधारित रिबन से अक्षर प्रिंट किए जा सकते है, इस प्रिंटर के द्वारा किया गया प्रिंट ज्यादा समय के लिए स्थित नहीं रहता है। सामान्यतः इन प्रिंटरों का प्रयोग ATM मशीन मे किया जाता है।

Thermal Printer

Inkjet Printer :- यह Non-Impact Printer है, जिसमे एक नोजल से कागज पर स्याही स्प्रे करके कैरेक्टर और ग्राफिक्स प्रिंट किए जाते है, इस प्रिंटर का आउटपुट बहुत स्पष्ट होता है क्योंकि इसके अक्षर का निर्माण कई dots से मिलकर होता है रंगीन प्रिंटर मे स्याही के चार नोजल होते है, Cyan, Magenta Yellow and Key(Black). इसलिए इसे CMYK Printer भी कहा जाता है तथा ये चारों रंग मिलकर किसी भी रंग को उत्पन्न कर सकते है। इसलिए इनका प्रयोग सभी प्रकार के कलर प्रिंटिंग मे किया जाता है। 

Injket Printer

Laserjet Printer :- Laserjet Printer का प्रयोग कम्प्युटर सिस्टम मे 1970 की दशक से हो रहा है। ये अपेक्षाकृत अधिक तेज और उच्च क्वालिटी मे text और graphics को छापने मे सक्षम है, यह प्रिंटर भी dots के द्वारा कागज पर प्रिंट करता है, परंतु ये dots बहुत ही छोटे व पास पास होने के कारण बहुत स्पष्ट प्रिंट होते है। इस प्रिंटर मे कार्टरेज का प्रयोग किया जाता है, जिसके अंदर इंक पाउडर को भर दिया जाता है। Laser Printer के कार्य करने की विधि मूलरूप से photocopy मशीन की तरह होती है जिसमे तेज रोशनी का प्रयोग किया जाता है। 

LaserJet Printer

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