Keyboard
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कीबोर्ड को PS-2 पोर्ट द्वारा सीपीयू से जोड़ा जाता है। आजकल कीबोर्ड को USB पोर्ट द्वारा भी कम्प्युटर से जोड़ा जा रहा है। वायरलेस कीबोर्ड सिस्टम से भौतिक संपर्क बनाए बिना रेडियो तरंगो पर कार्य करता है। तथा इसे ब्लुटूथ द्वारा कम्प्युटर से जोड़ा जाता है।
कार्य एवं स्थिति के अनुसार कीबोर्ड को निम्नलिखित भागो मे बांटा जा सकता है-
i) Typewriter Key :- यह कीबोर्ड के बायें मध्य भाग मे अंग्रेजी टाइपराइटर के समान व्यवस्थित होता है। इसमे अंग्रेजी के सभी अक्षर (A से Z), अंक (0 से 9) तथा कुछ विशेष चिन्ह रहते है। इसे अक्षर बटन (Alphabet key) तथा संख्यात्मक बटन (Numeric Key) भी कहा जाता है। इनका प्रयोग कम्प्युटर मे alphanumeric data डालने के लिए तथा वर्ड प्रोसेसिंग प्रोग्राम मे किया जाता है। मुख्य कीबोर्ड मे कुछ विराम चिन्ह (Punctuation Keys) भी होते है।
ii) Function Keys :- ये कीबोर्ड के सबसे ऊपर F1 से F12 तक अंकित बटन होते है। इनका कार्य प्रयोग किए जाने वाले सॉफ्टवेयर पर निर्भर करता है। वास्तव मे ये एक पूरे आदेश के बराबर होते है। जिनकी हमे बार बार आवश्यकता पड़ती है। इससे समय की बचत होती है।
iii) Numeric Key-Pad :- कीबोर्ड की दायीं ओर कैल्कुलेटर के समान स्थित बटनो को संख्यात्मक की-पैड कहा जाता है। इनका प्रयोग संख्यात्मक डाटा को तीव्र गति से भरने के लिए किया जाता है इनमे 0 से 9 तक, दशमलव (.), जोड़ (+), घटाव (-), गुणा (x) तथा भाग (/) के साथ न्यूमेरिकल लॉक (Num Lock) तथा इंटर (Enter) बटन होते है। ध्यान रहे की 0 से 9 तक की संख्याओं के बटन मुख्य कीबोर्ड पर भी होते है तथा दोनों का समान परिणाम होता है।
न्यूमेरिक की-पैड के कुछ बटन दो कार्य करते है। इन बटनो का प्रयोग कीबोर्ड द्वारा कर्सर को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए माऊस के विकल्प के रूप मे भी किया जाता है। अतः इन्हे कर्सर कंट्रोल बटन भी कहा जाता है। इनका प्रयोग कम्प्युटर गेम को नियंत्रित करने मे भी किया जाता है।
यदि नम लॉक बटन ऑन है तो न्यूमेरिक की-पैड का प्रयोग संख्याओं को टाइप करने के लिए होता है। यदि नम लॉक बटन ऑफ है तो इन बटनो का प्रयोग arrow key तथा End, Home, Page up, Page down, Insert तथा Delete function के लिए किया जाता है। नम लॉक बटन ऑफ होने पर इनसे संख्याए टाइप नहीं की जा सकती।
iv) Cursor Movement Key :- की बोर्ड के निचले भाग मे तीर के निशान वाले चार बटन होते है। जिनसे कर्सर को दायें, बाएँ, ऊपर, नीचे ले जाया जा सकता है। इन्हे Left, Right, Up and Down Arrow Key कहते है। इन्हे एक बार दबाने पर कर्सर एक स्थान बाएँ या दायें या एक लाइन ऊपर या नीचे हो जाता है इसे Navigation Key भी कहा जाता है।
इसके ठीक ऊपर कर्सर कंट्रोल करने के चार बटन और होते है जो इस प्रकार है -
a) Home - कर्सर को लाइन के प्रारम्भ मे ले जाता है। home तथा ctrl बटन को एक साथ दबाने पर कर्सर वर्तमान पेज या document के प्रारम्भ मे चला जाता है। किसी वेब पेज को देखने के दौरान होम बटन दबाने पर कर्सर उस वेब पेज के प्रारम्भ मे पहुँच जाता है।
b) End - कर्सर को लाइन या पेज के अंत मे पहुँचाने के लिए इस बटन का प्रयोग किया जाता है। End तथा ctrl बटन एक साथ दबाने पर कर्सर वर्तमान पेज या document के अंत मे चला जाता है। किसी वेब पेज को देखने के दौरान End बटन दबाने पर कर्सर उस वेब पेज के अंत मे पहुँच जाता है।
c) Page Up - कर्सर को document के पिछले पेज पर ले जाता है।
d) Page Down - कर्सर को document के अगले पेज पर ले जाता है।
v) Modifier Key :- कम्प्युटर की-बोर्ड पर बना कोई बटन या बटनों का समूह जिसके प्रयोग से किसी अन्य बटन से होने वाले कार्य मे परिवर्तन हो जाता है। modifier button कहलाता है। modifier button स्वयं कोई कार्य नहीं करता परंतु दूसरे बटनो के कार्य मे बदलाव करता है। modifier button का प्रयोग किसी अन्य बटन के साथ किसी विशेष कार्य को संपादित करने के लिए किया जाता है। Shift, Alt (Alternate), CTRL (Control) तथा Windows Key मोडिफायर बटन है। इनका प्रयोग कम्प्युटर सॉफ्टवेयर के अनुसार बदलता रहता है। सुविधा के लिए कीबोर्ड पर Shift, Alt, CTRL तथा विंडोज Key के दो-दो बटन बनाए जाते है। जो मुख्य कीबोर्ड के दोनों छोरों पर स्थित होते है।
vi) Special Purpose Key :- कम्प्युटर कीबोर्ड के कुछ बटन किसी खास उद्देश्य के लिए बनाए जाते है। जिन्हे special purpose key कहा जाता है।
कुछ special purpose key और उनके कार्य इस प्रकार है-
a) Num Lock Key :- इसका प्रयोग संख्यात्मक बटनों के साथ किया जाता है। Num Lock ऑन होने पर कीबोर्ड के ऊपर दायीं ओर एक हरी बत्ती जलती है तथा संख्यात्मक की-पैड के बटन के ऊपर लिखी संख्याएँ टाइप करते है।
b) Caps Lock Key :- इसका प्रयोग अंग्रेजी वर्णमाला के छोटे अक्षरों (Small Letters/Lower Case) या बड़े अक्षरों (Capital Letters/Upper Case) मे लिखने के लिए किया जाता है। caps lock बटन दबाने पर ऊपर दायीं ओर एक बत्ती जलती है तथा कीबोर्ड के संबन्धित बटनो द्वारा वर्णमाला को बड़े अक्षरों मे लिखा जाता है। caps lock बटन दूसरी बार दबाने पर बत्ती बुझ जाती है तथा वर्णमाला के छोटे अक्षरों को टाइप किया जा सकता है।
c) Shift Key :- इसे संयोजन बटन (Combination Key) भी कहते है क्योकि इसका उपयोग किसी और बटन के साथ किया जाता है। किसी बटन पर दो चिन्ह रहने पर shift बटन के साथ उस बटन को दबाने पर ऊपर वाला चिन्ह टाइप होता है। उस बटन को अकेले दबाने पर नीचे लिखा चिन्ह टाइप होता है।
अगर caps lock बटन ऑन है तो shift बटन के साथ वर्णमाला के बटन दबाने पर छोटे अक्षर टाइप होते है। अगर caps lock बटन ऑफ है तो shift बटन के साथ वर्णमाला के बटन दबाने पर बड़े अक्षर टाइप होते है।
d) Tab Key :- यह कर्सर को एक निश्चित दूरी जो रूलर द्वारा तय की जाती है तक कूदाते हुए ले जाने के लिए प्रयोग किया जाता है। किसी चार्ट, टेबल या एक्सेल प्रोग्राम मे एक खाने से दूसरे तक जाने के लिए भी tab key का प्रयोग किया जाता है। इसके द्वारा डायलॉग बॉक्स मे उपलब्ध विकल्पो मे से किसी एक का चयन भी किया जा सकता है।
e) Return/Enter Key :- कम्प्युटर को दिये गए निर्देशों को कार्यान्वित करने के लिए तथा स्क्रीन पर टाइप डाटा को कम्प्युटर मे भेजने के लिए enter key का प्रयोग किया जाता है। वर्ड प्रोसेसिंग प्रोग्राम मे नया पैराग्राफ या लाइन आरंभ करने का कार्य भी इससे किया जाता है। कभी-कभी, कीबोर्ड मे enter button को पहचान के लिए एक विशेष आकार प्रदान किया जाता है।
f) ESC- Escape Key :- इस बटन का प्रयोग पिछले कार्य को समाप्त करने या चालू प्रोग्राम के बाहर जाने के लिए होता है।
g) Back Space Key :- इसके प्रयोग से कर्सर के ठीक बायीं ओर स्थित कैरक्टर या स्पेस को एक-एक कर मिटाने मे किया जाता है। इसका प्रयोग typing के समय गलतियों को ठीक करने मे किया जाता है।
h) Delete Key :- इसका प्रयोग कर्सर के ठीक दायीं ओर स्थित कैरक्टर या स्पेस को एक-एक कर मिटाने मे किया जाता है। इससे कर्सर के बाद के सभी डाटा एक स्थान बायीं ओर खिसक जाते है। इससे चयनित शब्द, लाइन, पैराग्राफ, पेज या फ़ाइल को एक साथ भी मिटाया जा सकता है।
i) Print Screen Key :- इससे स्क्रीन पर जो कुछ भी दिख रहा है। उसे प्रिंट किया जा सकता है। प्रिंट स्क्रीन बटन कम्प्युटर स्क्रीन का फोटो क्लिपबोर्ड मे संग्रहित कर लेता है। जिसे बाद मे किसी अन्य प्रोग्राम मे paste या edit किया जा सकता है।
j) Scroll Lock Key :- इस बटन को दबाने पर कम्प्युटर स्क्रीन पर आ रही सूचना एक स्थान पर रुक जाती है। सूचना को फिर से शुरू करने के लिए यही बटन दुबारा दबाना पड़ता है।
k) Pause Key :- इसका कार्य scroll lock बटन जैसा ही है। किसी भी दूसरे बटन को दबाने पर सूचना पुनः आनी शुरू हो जाती है।
l) Insert Key :- इसका प्रयोग पहले से संग्रहित डाटा पर overwrite करने के लिए किया जाता है। insert button दबाकर कोई typing बटन दबाने पर कर्सर के ठीक बाद स्थित अंक या अक्षर मिट जाता है और उसके स्थान पर नया टेक्स्ट टाइप हो जाता है।
m) CTRL + ALT + DEL Key :- इन तीनों बटनों को एक साथ दबाने पर कम्प्युटर मे चल रहे प्रोग्राम बंद हो जाते है तथा कम्प्युटर फिर से स्वयं शुरू वाली अवस्था मे पहुँच जाता है। ऐसा अक्सर तब किया जाता है जब कम्प्युटर हैंग हो जाता है। अर्थात किसी अन्य बटन के आदेश का पालन नहीं करता। इसे reset भी कहते है।
n) Sticky Key :- वे यूजर जो दो या अधिक बटनों को एक साथ दबाने मे असुविधा महसूस करते है, उनकी सुविधा के लिए sticky key का प्रयोग किया जाता है। इसमे यूजर Modifier Keys (Ctrl+Alt+Del) या Windows Key को लगातार दो बार दबा कर तब तक सक्रिय रख सकता है, जब तक दूसरा बटन न दबा दिया जाए।
Sticky Key सुविधा को चालू करने के लिए Shift बटन को 5 बार लगातार दबाते है। इसे बंद करने के लिए दोनों Shift बटन एक साथ दबाते है।
o) Space Bar :- यह कीबोर्ड मे सबसे निचली पंक्ति के बीच मे स्थित सबसे लंबा बटन है। सामान्यतः इसका प्रयोग टाइप करते समय अक्षरो तथा अंको के बीच खाली स्थान (Space) डालने के लिए किया जाता है। इसे इतना लंबा इसलिए बनाया जाता है ताकि दोनों हाथो से टाइप करते समय किसी भी हाथ के अंगूठे से इसका प्रयोग किया जा सके। Modifier Key के साथ इसका प्रयोग सॉफ्टवेयर के अनुसार अन्य कार्यों के लिए भी किया जाता है। विडियो गेम मे भी इसे एक मुख्य बटन के रूप मे प्रयोग किया जाता है।